Jagannath Rath Yatra 2023 : जगन्नाथ भगवान का रथ क्यों खींचते हैं लोग?

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Jagannath Rath Yatra 2023 : जगन्नाथ रथ यात्रा हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह यात्रा पूरे भारत में मनाई जाती है, लेकिन इसका सबसे प्रमुख स्थान ओडिशा राज्य के पुरी नगर में है। यह यात्रा हिन्दू देवता जगन्नाथ महाप्रभु की भगवान विश्वकर्मा के द्वारा बनाए गए रथ (गाड़ी) पर श्रीमंदिर से श्री गुंडिचा मंदिर तक की जाती है।

Jagannath Rath Yatra 2023 : जगन्नाथ भगवान का रथ क्यों खींचते हैं लोग?
Jagannath Rath Yatra 2023 : जगन्नाथ भगवान का रथ क्यों खींचते हैं लोग?

Jagannath Rath Yatra 2023 : जगन्नाथ भगवान का रथ क्यों खींचते हैं लोग?

इस यात्रा का आयोजन पूर्णिमा तिथि को होता है, जो ज्येष्ठ मास में पड़ती है। रथ यात्रा के दौरान तीन बड़े रथों को जगन्नाथ मंदिर से बाहर निकाला जाता है। इन रथों का नाम सुबद्रा, बलभद्र और जगन्नाथ होता है। ये रथ भक्तों द्वारा खींचे जाते हैं और यात्रा के दौरान पूरे शहर में निकलते हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा को लोग बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाते हैं। यह त्योहार भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होता है और उन्हें आनंद और शांति का अनुभव करने का मौका देता है। यह यात्रा ओडिशा राज्य की स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है और लाखों भक्तों को आकर्षित करती है।

जगन्नाथ भगवान का रथ क्यों खींचते हैं लोग? जानें महत्व

रथ भक्तों द्वारा रथ खींचे जाते हैं क्योंकि इसे एक पवित्र कार्य माना जाता है और इसमें भाग लेने से उन्हें धर्मिक सुन्दरता और आध्यात्मिकता का अनुभव होता है। यह खींचाव उनकी आस्था और भक्ति का प्रतीक होता है और उन्हें अपने देवता के समीपता के अनुभव का अवसर देता है। इसके अलावा, रथ खींचने के द्वारा भक्तों को यह अवसर मिलता है कि वे अपने देवता के साथ उनकी यात्रा में सहभागी बनें और उनकी सेवा करें। इस प्रकार, रथ खींचने का कार्य भक्तों को अद्वितीय आनंद और श्रद्धा का अनुभव कराता है।

जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा का महत्व (jagannath Rath Yatra 2023)

जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस यात्रा का महत्व अनेक कारणों से है।

प्रथम रूप : यह यात्रा भगवान जगन्नाथ के विशेष आराधना का अवसर है। भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचना और उसे अपने देवालय से अन्य मंदिर तक ले जाना उनकी प्रसन्नता और कृपा को प्राप्त करने का माध्यम है। यह यात्रा उनके विशेष लीला को याद दिलाने और उनके आदर्शों और संदेशों को जनता तक पहुँचाने का माध्यम भी है।

द्वितीयत : जगन्नाथ रथ यात्रा विविधताओं का प्रतीक है। इसमें सभी वर्ण और जाति के लोग भाग लेते हैं और उन्हें सामान्य धार्मिक मामलों के बाहर एक साथ आनंद लेने का मौका मिलता है। यह यात्रा सामाजिक एकता, सामरस्य और सामाजिक संगठन की प्रतीक है और सभी को धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से जोड़ती है।

तृतीयतः यह यात्रा परंपरागत महत्व रखती है। इसे लगभग 1000 वर्षों से अधिक का समय हो चुका है और इसके माध्यम से परंपरागत संस्कृति, श्रद्धा और धार्मिकता का संरक्षण किया जाता है। इसे युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और धरोहर के प्रति जागरूक करने का माध्यम भी माना जाता है। इस प्रकार, जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है और लोगों को आध्यात्मिक उन्नति और सामाजिक एकता का अनुभव कराती है।

जगन्नाथ भगवान की रथ को खींचकर कहाँ ले जाते हैं?

जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा में रथ को श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। गुंडिचा मंदिर पुरी नगर में स्थित है और इसे यात्रा का समापन स्थान माना जाता है। भगवान जगन्नाथ के रथ की खींचाई के दौरान भक्त इसे पूरी नगर में घूमाते हैं और उनकी आराधना करते हैं। इस यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि इसमें भगवान को उनके आदर्श स्थान तक पहुँचाने का कार्य संपन्न होता है।

जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा में रथ को श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक क्यों ले जाया जाता है ?

जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा में रथ को श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है क्योंकि इसमें एक महत्वपूर्ण कथा और महत्वाकांक्षा छिपी होती है। यह कथा कहती है कि जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुबद्रा माता के पुत्र लोग ब्रजराजनगर (वृंदावन) में उनके दादा-दादी के साथ विराजमान थे, तब उन्होंने इच्छा जाहिर की थी कि वे अपने देवालय के पास जगन्नाथपुरी में रहेंगे। परंतु उनके दादा-दादी उन्हें इसे मन्जूर नहीं कर पाएं। इसलिए, भगवान जगन्नाथ और उनके भाइयों ने इस यात्रा के माध्यम से अपने दादा-दादी के साथ मिलने की अभिलाषा जाहिर की थी। इसलिए, रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ को उनके आदर्श स्थान गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है ताकि वे अपने पूर्वजों के संग मिल सकें और एक विशेष मिलन समारोह मना सकें। इससे यात्रा का महत्व और गौरव भी बढ़ता है।

Jagannath Rath Yatra 2023 मेला कहाँ कहाँ लगता है?

जगन्नाथ रथ यात्रा मेला भारत के विभिन्न शहरों में लगता है। इस मेले को सबसे प्रमुख रूप से ओडिशा राज्य के पुरी नगर में आयोजित किया जाता है, जहां भगवान जगन्नाथ का मुख्य मंदिर स्थित है। इसके अलावा, जगन्नाथ रथ यात्रा मेला अन्य भारतीय शहरों में भी आयोजित होता है, जैसे कि कोलकाता, पटना, रांची, वाराणसी, मुंबई, दिल्ली आदि। इन शहरों में भी जगन्नाथ रथ यात्रा मेले के दौरान लोगों को धार्मिक, सांस्कृतिक और आनंददायक गतिविधियों का आनंद लेने का अवसर मिलता है।

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